“UP में IAS की Exit Parade: 2026 में किसकी होने वाली है आख़िरी घंटी?”

महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह

UP में 2026 का साल नौकरशाही के लिए “बड़ा बदलाव वाला साल” साबित होने वाला है। दर्जनों IAS अफ़सर अपनी लंबी प्रशासनिक यात्रा पूरी कर “सेवा निवृत्ति एंट्री” करने वाले हैं। महीने-दर-महीने देखें कि किसकी बैटन अगले हाथों में जाएगी।

जनवरी 2026: साल की शुरुआत बड़े विदाई समारोह के साथ

नए साल के पहले महीने में कई वरिष्ठ IAS अधिकारी अपने करियर का आख़िरी अध्याय पूरा करेंगे।

  • IAS नरेंद्र प्रसाद पांडेय
  • IAS अमरनाथ उपाध्याय
  • IAS नरेंद्र सिंह
  • IAS शैलेंद्र कुमार सिंह
  • IAS राम सिंह वर्मा

जनवरी में ही इतने रिटायरमेंट कि विभागों में “नए चेहरों का नया साल” जैसा माहौल रहेगा।

फ़रवरी 2026: ठंड कम, रिटायरमेंट ज़्यादा

  • IAS अटल कुमार राय
  • IAS चंद्रभूषण सिंह
  • IAS डॉ. देवेश चतुर्वेदी
  • IAS सुभाष चंद्र शर्मा

सरकारी दफ्तरों में फरवरी का मौसम भले सुहाना हो, लेकिन फाइलें संभालने वालों की कमी महसूस होने लगेगी।

मार्च 2026: बजट नहीं, बैच विदाई में व्यस्त

  • IAS वेंकटेश्वर लू

जून 2026: आधी गर्मी, आधे अधिकारी रिटायर

  • IAS अनिल कुमार
  • IAS मारकंडे शाही
  • IAS डॉ. दिनेश चंद्र
  • IAS उमाकांत त्रिपाठी

जून का महीना वैसे भी ट्रांसफर–पोस्टिंग का सीजन कहलाता है, लेकिन इस बार रिटायरमेंट का ट्रैफिक ज्यादा होगा।

जुलाई 2026: मॉनसून + प्रशासनिक बादल छंटने लगे

  • IAS घनश्याम सिंह
  • IAS अखिलेश सिंह

अगस्त 2026: आज़ादी का महीना, IAS भी आज़ाद

  • IAS रविंद्र कुमार प्रथम
  • IAS कृष्ण कुमार गुप्ता
  • IAS डॉ. वेदपति मिश्रा

सितंबर 2026: त्योहारी सीजन से पहले कार्यालय का ओवरहाल

  • IAS अर्चना अग्रवाल
  • IAS अतुल सिंह

अक्टूबर 2026: त्योहारों की तैयारी और रिटायरमेंट का जश्न

  • IAS दीपक कुमार
  • IAS राजेश कुमार द्वितीय
  • IAS शिवप्रसाद प्रथम
  • IAS कामरान रिजवी

नवंबर 2026: ठंड शुरू, रिटायरमेंट भी

  • IAS शेषनाथ
  • IAS रेणु तिवारी

दिसंबर 2026: साल का आख़िरी महीना, विदाई भी अंतिम

  • IAS रजनीश चंद्र
  • IAS अमित घोष
  • IAS संजय कुमार यादव
  • IAS डॉ. चंद्रभूषण यादव

दिसंबर में ऑफिसों में “फ़ेयरवेल और फाइलों” की भिड़ंत देखने को मिलेगी।

UP की नौकरशाही का Big Transition Year

इतने IAS अधिकारियों की रिटायरमेंट से प्रशासनिक ढांचा नए सिरे से रीशेप होगा। नए बैच को ज्यादा मौके मिलेंगे, और जनता को उम्मीद—“शायद अब काम थोड़ा तेज़ हो जाए!”

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